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  • घोटालाः भाजयुमो जिलाध्यक्ष के पिता समेत सात पर एफआईआर
  • 03 हजार कुंतल के करीब राशन की कालाबाजारी का है मामला
  • 11 अधिकारियों ने की जांच, ठेकेदार ने मानक से इतर पहुंचाए थे हाथ से सूए से सिले हुए बोरे

बुलंदशहर, ( विशेष संवाददाता ) कोतवाली देहात क्षेत्र में नई मंडी स्थित गोदाम से गरीबों के लिए जारी करीब तीन हजार कुंतल राशन की कालाबाजारी के मामले में भाजयुमो जिलाध्यक्ष के पित्ता और विपणन निरीक्षक,राशन माफिया समेत सात आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है। डीएम के निर्देश पर पूरे मामले की जांच 11 सदस्यीय टीम ने की थी। इसमें विपणन अधिकारी समेत अन्य आरोपियों की भूमिका सामने आई। प्राइवेट व्यक्ति को खाद्यान्न प्रेषण के कार्य में लगाया गया था। भाजयुमो जिलाध्यक्ष के पिता परिवहन ठेकेदार के माध्यम से उचित दर विक्रेताओं को एफसीआई डिपो से प्राप्त खाद्यान्न को मूलरूप में न पहुंचाकर उसे बदलकर पहुंचाया गया। मानकों से अलग खाद्यान्नों की बोरियों को हाथ से सुतली बंधे तरीके से उचित दर विक्रेताओं की दूकान पर पहुंचाया गया था। मामला सामने आने पर डीएम की ओर से जांच कमेटी गठित की गई थी। अब जांच रिपोर्ट मिलने के बाद जिला खाद्य एवं विपणन अधिकारी ने आरोपियों के खिलाफ कोतवाली देहात में रिपोर्ट दर्ज कराई है।

बीते दिनों क्राइम संसार ने जिले में तीन हजार क्विंटल राशन बेचने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। खबर प्रकाशित होने के बाद जनपद के तेजतर्रार डीएम सीपी सिंह ने एडीएम प्रशासन डा. प्रशांत कुमार की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय गठित जांच टीम को जल्द जाँच पूर्ण करने के निर्देश दिए थे । टीम ने जिले के सभी 16 ब्लॉक में जांच की। खाद्य विपणन विभाग और डीएसओ कार्यालय के फरवरी, मार्च और अप्रैल माह के दस्तावेज खंगाले गए। इसके बाद राशन डीलरों के बयान लिए गए। जांच में सामने आया कि खाद्य विपणन विभाग के अधिकारियों के साथ परिवहन ठेकेदार, राशन माफिया ने प्राइवेट कर्मचारियों के साथ मिलकर तीन हजार क्विंटल राशन का गबन कर खाद्यान्न  बाजार में बेच दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राशन डीलरों ने जांच टीम को बताया कि मीडिया में खबर प्रकाशित होने के बाद परिवहन ठेकेदार और राशन माफिया ने मिलकर गबन किए गए राशन को निजी स्तर पर खरीदकर प्राइवेट पैकिंग में राशन डीलरों तक पहुंचाया। कुछ राशन डीलरों को राशन खरीदकर पूरा करने के लिए रकम भी दी गई। प्रार्त खबरों के अनुसार लगातार तीन सप्ताह जांच करने के बाद टीम ने 3408 पेज की रिपोर्ट तैयार की। रिपोर्ट मिलने के बाद रविवार सुबह 10 बजे खाद्य विपणन अधिकारी जेया अहमद करीम ने कोतवाली देहात में परिवहन ठेकेदार व भाजयुमो के दिवाकर सिंह के पिता रविंद्र सिंह निवासी आदर्श नगर, विपणन निरीक्षक सुधीर कुमार, प्राइवेट कर्मचारी अंकुर, गांव चिट्टा निवासी  वकील खां, लेबर ठेकेदार शिब्बू उर्फ शिवकुमार, ट्रैक्टर चालक पिंकी और पवन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।

जिला खाद्य विपणन अधिकारी जेए करीम की ओर से कोतवाली देहात में सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी के संबंध में जो रिपोर्ट दर्ज कराई गई है, इसमें बताया गया कि नई मंडी स्थित गोदाम में फर्जीवाड़ा कर तीन हजार कुंतल राशन बेचने का मामला संज्ञान में आया। इसके बाद डीएम के निर्देश पर एडीएम प्रशासन की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय टीम का गठन कर जांच शुरू कराई गई थी। 25 मई को डीएम के सम्मुख जांच टीम द्वारा आख्या प्रस्तुत की गई। इसमें बताया गया कि विपणन निरीक्षक सुधीर कुमार एवं उनके साथ संलिप्त निजी व्यक्ति अंकुर निवासी अज्ञात, शिब्बू उर्फ शिवकुमार निवासी अज्ञात, वकील खां निवासी गांव चिट्टा थाना सलेमपुर, पवन निवासी अज्ञात, पिंकी निवासी अज्ञात एवं ब्लाक बुलंदशहर के हैंडलिंग एवं परिवहन ठेकेदार रविंद्र सिंह निवासी आदर्श नगर थाना कोतवाली नगर के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 की धारा 3/7 व अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराने हेतु पर्याप्त साक्ष्य पाए गए हैं।

दायित्वों का नहीं किया निर्वहनः

सूत्रों की माने तो विपणन अधिकारी सुधीर कुमार द्वारा अपने बयान में वह स्वीकार किया गया कि 10 मई को सिंगल स्टेज व्यवस्था के अंतर्गत खाद्यान्न प्रेषण संबंधी दायित्वों का निवर्हन शासनादेश के अनुसार न कर मनमाने ढंग से एक एक प्राइवेट व्यक्ति अंकुर सिंह से कराया गया था। इस प्राइवेट व्यक्ति द्वारा हस्ताक्षर कर टीसीडीसी जारी की गई और ऑनलाइन फंडिंग भी की गई। 13 मई को निरीक्षक सुधीर कुमार ने जांच समक्ष पुनः बयान देते हुए स्पष्ट किया की अंकुर सिंह, शिवकुमार उर्फ़ शिब्बू , वकील खां, पिकी, पवन आदि के संपर्क में था, जिन्होंने आपस में मिलकर अप्रैल 2024 में खाद्यान्न का डाईवर्जन किया था।

प्राइवेट कर्मचारी से कराया परिवहन का कार्य

सूत्रों के अनुसार विपणन निरीक्षक सुधीर कुमार ने 10 मई को जांच टीम को दिए बयान में बताया कि परिवहन ठेकेदार रविंद्र सिंह ने अनुबंध की शर्तों के खिलाफ काम किया। मनमाने ढंग से प्राइवेट व्यक्ति अंकुर से काम कराया। प्राइवेट कर्मचारी ने ही टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) और डीसी (डिलीवरी सर्टिफिकेट) जारी करते हुए ऑनलाइन फीडिंग भी की। 13 मई को दिए बयान में सुधीर कुमार ने बताया कि अंकुर लेबर ठेकेदार शिवकुमार उर्फ शिब्बू, राशन माफिया वकील खां, पवन और पिंकी के संपर्क में था।

परिवहन ठेकेदार ने उपलब्ध नहीं कराई हस्ताक्षरित डीसीडीन

जांच के दौरान विपणन निरीक्षक ने अवगत कराया कि परिवहन ठेकेदार द्वारा 1 मई 2024 तक माह मार्च एवं माह अप्रैल 2024 के सापेक्ष उचित दर विक्रेताउ हस्ताक्षरित टीसीडीसी वापस नहीं की गई। साथ ही माह अप्रैल 2024 के सापेक्ष कुल चार डीसीडीसी 15 मई तक वापस नहीं की गई।

मामला खुलने के बाद डीलरों के यहां पहुंचा दिया था खाद्यान्न

राशन माफियाओं ने पहले ती हजारों कुतल खाद्यान्न का गबन कर लिया, लेकिन जब मामला संज्ञान में आया था आरोपियों ने बाजार से खरीदकर खाद्यान्न राशन डीलरों के यहां पहुंचा दिया। जांच रिपोर्ट में यह भी बात सामने आई है कि उचित दर विक्रेताओं की खाद्यान्न न पहुंचाकर उसके स्थान पर धनराशि उपलब्ध कराकर खाद्यान्न की व्यवस्था कराई गई।

जांच के दौरान टीम के सामने आए कई तथ्य

जांच टीम द्वारा जीन में पाया कि विकास खंड बुलंदशहर में उचित दर विक्रेताओं को परिवहन ठेकेदार रविंद्र सिंह द्वारा मई 2024 के आवंटन के सापेक्ष एफसीलाई डियो से प्राप्त खाद्यान्न की उचित दर विक्रेताओं को मूल रूप में न पहुंचाकर उसका दुरुपयोग किया है। खाद्यान्न को बदलकर एफसीआई के मानकों से अलग हाथ से सुतली बंधे एवं सिले हुए खाद्यान्न को उचित दर विक्रताओं की दुकान पर पहुंचाया गया है। कई अन्य बिंदुओं की जांच में स्पष्ट हुआ है कि संबंधित परिवहन ठेकेदार एवं अन्य आरोधियों द्वारा आपराधिक षड़यंत्र रचकर लाभ कमाने के उद्देश्य से सरकारी खाद्यान्न की कालाबाजारी एवं बेईमानी से दुविनियोग किया गया है।

“जांच के दौरान परिवहन ठेकेदार, विपणन निरीक्षक, राशन माफिया समेत सात आरोपियों की मिलीभगत से कालाबाजारी की बात सामने आई। विपणन निरीक्षक के संरक्षण में यह सब चल रहा था। डीएम के निर्देश पर आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है”। – जेया अहमद करीम , जिला खाद्य विपणन अधिकारी

कालाबाजारी का मामला संज्ञान में आते ही कमेटीगठित करते हुए जांच कराई गई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर परिवहन ठेकेदार रविंद्र सिंह, मार्केटिंग इंस्पेक्टर समेत सात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। मामले में शासन को भी अवगत कराया जा रहा है।

चन्द्र प्रकाश सिंह, जिलाधिकारी, बुलंदशहर