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मेरठ में हस्तिनापुर क्षेत्र के पलड़ा गांव में विशु की हत्या के विरोध में हुए हिंसक बवाल के बाद पूरा गांव छावनी में तब्दील है। गांव में तनावपूर्ण माहौल को देखते हुए फोर्स बढ़ा दी गई है। गांव में एक एएसपी, चार सीओ, 10 इंस्पेक्टर, 70 दरोगा, 250 सिपाही और पीएसी के करीब 150 जवानों को तैनात किया गया है। वहीं गांव में फ्लैग मार्च निकालने के दौरान एसएसपी ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की। एसएसपी ने निर्देश दिए हैं कि जब तक माहौल शांतिपूर्ण नहीं होगा तब तक कोई भी छुट्टी पर नहीं जाएगा।

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घर लौटीं जमीला और जायदा ने बताया कि घर पर केवल महिलाएं थीं। शव यात्रा के दौरान भीड़ ने उनके मकानों पर पथराव कर दिया। कई परिवार की महिलाएं एक कमरे में बंद हो गईं थीं, तब उनकी जान बची। वे कमरे की खिड़की से पूरा मंजर देख रही थीं। कोई उनके दरवाजों पर डंडे बरसा रहा था तो कोई पत्थर फेंक रहा था। बताया कि घर का सभी सामान मिनटों में नष्ट कर दिया। घर में रखा आटा तक भी बिखेर दिया था। तोड़फोड़ करने वाले करीब पांच घंटे तक कमरे में रहे। पुलिस फोर्स आने के बाद महिलाएं कमरे से बाहर निकलीं।

हाफिज बरकत की पत्नी फातिमा ने बताया कि वह घर की महिलाओं के साथ मकान के ऊपर बने कमरे में छिप गई थीं। काफी देर तक पुलिस के पुकारने के बाद भी बाहर झांकने की हिम्मत नहीं कर सकी। बाद में अपने परिचितों के यहां जाकर रात बिताई।

एसएसपी बोले, सभी गांव में रहें, सुरक्षा की जिम्मेदारी हमारी
उधर, आसपास के गांवों के जिम्मेदार लोग पलड़ा में पहुंचे। जिन्होंने पुलिस के साथ जाकर दूसरे समुदाय के लोगों का हाल जाना। अरशद प्रधान, हाजी इलिसी, अतीक अहमद आदि ने उन लोगों से बातचीत की, जिनके घरों में आगजनी और तोड़फोड़ की गई थी। उन्होंने लोगों से अपील की कि दहशत में गांव छोड़ने वालों को वापस लाने का प्रयास किया जाए ताकि गांव में फिर से शांति और भाईचारे से रह सकें। एसएसपी ने भी आश्वासन दिया कि किसी को गांव से बाहर जाने की जरूरत नहीं है। सभी अपने गांव में रहे, सुरक्षा की जिम्मेदारी पुलिस की है।गांव में शांति का माहौल है। विशु हत्याकांड के आरोपियों को पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है। वहीं, बवाल करने वाले कुछ आरोपियों की पहचान हो चुकी है और अन्य आरोपियों की पहचान का प्रयास चल रहा है।