विराट कोहली ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी है। उन्होंने शनिवार को इसकी घोषणा की। कोहली ने यह फैसला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद लिया है। इस सीरीज में टीम इंडिया को दक्षिण अफ्रीका के हाथों 2-1 से हार का सामना करना पड़ा था। कोहली ने कप्तानी छोड़ने का एलान सोशल मीडिया पर किया।
इसी के साथ कोहली ने पिछले तीन महीने के अंदर तीनों फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ी दी है। उन्होंने टी-20 विश्व कप के बाद टी-20 फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ दी थी। इसके बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज से पहले उन्हें वनडे की कप्तानी से हटाया गया था। अब कोहली ने टेस्ट की कप्तानी भी छोड़ दी है। हालांकि, वह बतौर खिलाड़ी तीनों फॉर्मेट खेलते रहेंगे।
23 लाइन के नोट में सिर्फ दो लोगों का जिक्र
कोहली ने सोशल मीडिया पर अपने 23 लाइन के नोट में सिर्फ दो लोगों के नाम लिए। उन्होंने आखिर की चार लाइनों में खिलाड़ियों में सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी का और कोच में सिर्फ रवि शास्त्री का जिक्र किया है। वे तीन कोच के अंदर बतौर कप्तान काम कर चुके हैं। इसमें शास्त्री के अलावा अनिल कुंबले और राहुल द्रविड़ शामिल हैं। कुंबले के साथ उनका विवाद काफी चर्चित रहा था। इसके बाद कुंबले ने कोचिंद पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, द्रविड़ हाल ही में हेड कोच बने हैं।
कोहली ने पोस्ट में क्या लिखा
कोहली ने कप्तानी छोड़ते हुए लिखा- मैंने सात तक टीम इंडिया को सही दिशा में ले जाने के लिए कड़ी मेहनत की है। मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और कुछ भी नहीं छोड़ा। सभी चीजें एक समय पर आकर रुक जाती हैं। मेरे लिए भी अब बतौर टेस्ट कप्तान रुकने का यही समय है।
”टीम पर विश्वास करना कभी नहीं छोड़ा”
उन्होंने लिखा- इस सफर में मेरे लिए कई अच्छे पल आए और बुरे पल भी देखने को मिले, लेकिन मैंने कभी अपनी कोशिश में कमी नहीं की और टीम पर विश्वास करना नहीं छोड़ा। मैंने हमेशा मैदान पर 120 प्रतिशत देने की कोशिश की है। अगर मैं ऐसा नहीं कर पा रहा हूं तो मुझे लगता है कि यह करना सही नहीं है। मेरा दिल पूरी तरह साफ है और मैं अपनी टीम के साथ बुरा नहीं कर सकता।
”धोनी ने मुझपर विश्वास जताया था”
कोहली ने लिखा- मैं रवि शास्त्री और बाकी सपोर्ट ग्रुप को भी शुक्रिया कहना चाहता हूं। वे टेस्ट में हमेशा ऊपर जानी वाली गाड़ी (टीम इंडिया) के इंजन थे। आप सभी ने इस सफर में और मेरे विजन को पूरा करने में अहम रोल अदा किया। अंत में मैं महेंद्र सिंह धोनी को थैंक यू कहना चाहूंगा। उन्होंने मुझमें एक कप्तान देखा और मुझ पर विश्वास जताया कि मैं भारतीय क्रिकेट को आगे ले जाने में कामयाब हो पाऊंगा।
कोहली भारत के सबसे सफल कप्तान
कोहली 2014 में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद टेस्ट कप्तान बने थे। वे टेस्ट में टीम इंडिया के सबसे सफल कप्तान हैं। उन्होंने 68 टेस्ट में टीम इंडिया की कप्तानी की है और इसमें से 40 में टीम जीती है। 17 मैचों में टीम को हार का सामना करना पड़ा और 11 टेस्ट ड्रॉ रहे। दूसरे नंबर पर एमएस धोनी हैं, जिन्होंने 60 टेस्ट में कप्तानी की और इसमें से टीम इंडिया 27 मैचों में जीती। 18 में भारत को हार का सामना करना पड़ा और 15 टेस्ट ड्रॉ रहे।
सबसे ज्यादा टेस्ट में कप्तानी के मामले में कोहली छठे नंबर पर
दुनियाभर के टेस्ट कप्तानों की तुलना करें तो विराट कोहली सबसे ज्यादा मैचों में कप्तानी करने के मामले में छठे नंबर पर हैं। उनसे आगे दक्षिण अफ्रीका के ग्रीम स्मिथ, ऑस्ट्रेलिया के एलेन बॉर्डर, न्यूजीलैंड के स्टीफन फ्लेमिंग, ऑस्ट्रेलिया के रिकी पोंटिंग और वेस्टइंडीज के क्लाइव लॉयड हैं।
भारत के टॉप पांच टेस्ट कप्तान
कप्तान कब से कब तक मैच जीते हारे ड्रॉ
विराट कोहली 2014-2022 68 40 17 11
महेंद्र सिंह धोनी 2008-2014 60 27 18 15
सौरव गांगुली 2000-2005 49 21 13 15
मोहम्मद अजहरुद्दीन 1990-1999 47 14 14 19
सुनील गावस्कर 1976-1985 47 9 8 30