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मेरठ, (क्र०सं०आराध्य शर्मा) अनिल दुजाना के एनकाउंटर से योगी सरकार की माफियाओं के खिलाफ सख्त नीति एक बार फिर साबित हुई। 20 दिन पहले शासन की ओर से जारी 65 माफियाओं की सूची में गौतमबुद्धनगर जिले के माफिया में अनिल दुजाना टॉप पर था। पश्चिम में आतंक का पर्याय बने दुजाना को एसटीएफ ने मेरठ में मुख्यमंत्री योगी के दौरे के एक दिन पहले ही मुठभेड़ में मार गिराया। एसटीएफ की इस कार्रवाई के बाद सूची में बाकी बचे 64 माफियाओं में बैचेनी बढ़ गई है।

वर्ष 2000 से पूर्व अनिल दुजाना, सुंदर भाटी के लिए अवैध सरिया का कारोबार का कार्य करता था। वह अवैध सरिया कारोबार से हुई कमाई का कुछ हिस्सा सुंदर माटी को देता था। चूंकि अनिल दुजाना कुख्यात किस्म का अपराधी नहीं था, इसलिए अपराध जगत में अपना वर्चस्व बढ़ाने के लिए इसने सुंदर भाटी के नाम का सहारा लिया और धीरे-धीरे अपराध कर अपना नाम विख्यात करता रहा।

शासन की ओर से जारी माफियाओं की सूची में शामिल अनिल दुजाना का वर्चस्व पश्चिम यूपी के साथ-साथ पूर्वांचल में भी लगातार बढ़ रहा था। वह पूर्वी यूपी के कई बड़े माफियाओं के संपर्क में भी था। किसी को इस बात का अंदेशा नहीं था सूची में शामिल माफिया के खिलाफ मेरठ एसटीएफ इतनी जल्दी कार्रवाई करेगी। बृहस्पतिवार को जहां मेरठ पुलिस और प्रशासन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम की तैयारियों में लगे थे वहीं एसटीएफ की कार्रवाई योगी सरकार की माफिया को मिट्टी में मिला देने की नीति पर खरी उतरी।